Friday, 15 August 2014

दो लफ़्ज चार पंक्तियाँ


(1 )

''मैं जब भी इस भीड़ में
 खुद को अकेला सा पाता हूँ ,
 पहुँच के घर अपनी
 क़िताबों से लिपट जाता हूँ ''





(2)


''मन के तमस में
 सुकून उजला गया
 वो बच्चा जब मुझे देख
 बेवजह मुस्कुरा दिया ''




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